बरेली : शिक्षक द्वारा स्कूल की प्रार्थना सभा में सुनाई गई कविता ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। एमजीएम इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षक और कवि डॉ. रजनीश गंगवार अब कांवड़ यात्रा पर की गई टिप्पणी को लेकर न केवल एफआईआर का सामना कर रहे हैं, बल्कि उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी बाहर कर दिया गया है। संगठन ने उन्हें नगर अध्यक्ष पद से तत्काल हटाते हुए निष्कासित कर दिया है।
विवाद उस समय शुरू हुआ जब डॉ. गंगवार ने प्रातःकालीन सभा के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए यह कविता सुनाई, “कांवड़ लेकर मत जाना, ज्ञान का दीप जलाना, मानवता की सेवा करके तुम सच्चे मानव बन जाना।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही स्थानीय हिंदू संगठनों ने विरोध जताया और इसे धार्मिक भावनाओं के अपमान के तौर पर देखा। इसके बाद शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
विवाद बढ़ने के बाद ABVP ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए डॉ. गंगवार को नगर अध्यक्ष पद से हटाने और उन्हें संगठन से बाहर करने का फैसला लिया। ABVP के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि यह निर्णय प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर लिया गया है। संगठन ने बयान जारी कर कहा, “यह फैसला संगठन की मर्यादा, मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए लिया गया है। जो भी विचारधारा से भटकेगा, उसके लिए संगठन में स्थान नहीं है।”
डॉ. गंगवार ने पेश की सफाई
विवाद के बाद डॉ. गंगवार ने एक वीडियो बयान जारी किया और कहा कि उन्होंने किसी धार्मिक प्रतीक का अपमान नहीं किया। उनका उद्देश्य केवल यह था कि बच्चे शिक्षा के महत्व को समझें और मानव सेवा का भाव अपनाएं। उन्होंने खुद को स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एंबेसडर, एनएसएस के नोडल अधिकारी और कॉलेज के कार्यक्रम अधिकारी बताया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इसी विषय पर एक मंत्री ने भी बयान दिया था, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने अपील की कि उनकी मंशा को गलत न समझा जाए।