पटना: बिहार सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए ग्रामीण सड़कों के विकास के माध्यम से राज्य के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (एमएमजीएसवाय) अंतर्गत अबतक 33 हजार 540 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इससे 23 हजार 886 गांवों को पक्की सड़कों की सौगात मिली है।
चूंकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 500 तक की आबादी वाले टोले को ही लिया जा सकता है इसलिए इनसे छोटे टोलों को संपर्कता देने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की शुरुआत वर्ष 2013में की गई। अब हर टोले को पक्की बारहमासी सड़क से जोड़ने की दिशा में विभाग अग्रसर है।
ग्रामीण कार्य विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत 42 हजार 22 किमी लंबाई की कुल 30 हजार 611 किमी सड़कों को प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। इनमें से लगभग 78 प्रतिशत परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। यह राज्य में ग्रामीण संपर्कता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
सड़क निर्माण की लंबाई के आधार पर मुजफ्फरपुर जिला इस योजना के क्रियान्वयन में सबसे आगे है, जहां अब तक 2,329.09 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। इसके बाद मधुबनी (2,207.07 किमी), अररिया (2,127.06 किमी) और पूर्वी चंपारण (1,885.61 किमी) प्रमुख जिलों में शामिल हैं।
शीर्ष 10 जिले (निर्मित सड़कों की लंबाई के अनुसार):
मुजफ्फरपुर – 2,329.09 किमी
मधुबनी – 2,207.07 किमी
अररिया – 2,127.06 किमी
पूर्वी चंपारण – 1,885.61 किमी
. पूर्णिया – 1,695.84 किमी
कटिहार – 1,506.42 किमी
सारण – 1,440.83 किमी
दरभंगा – 1,404.63 किमी
पश्चिम चंपारण – 1,231.34 किमी
. गोपालगंज – 1,205.58 किमी
ग्रामीण सड़कों के निर्माण से न केवल आवागमन सुगम हुआ है, बल्कि सुरक्षा में भी सुधार आया है। इससे स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिला है, रोजगार के अवसर बढ़े हैं और कृषि व औद्योगिक गतिविधियों को गति मिली है। बेहतर कनेक्टिविटी से ग्रामीण आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं तक आसान पहुँच मिली है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को मजबूती मिली है।