मुजरों की महफिल, गुलाब जल का छिड़काव और फूलों की बौछार, जानें मुस्लिम नवाब कैसे मनाते थे होली

इस बार होली और जुमा एक ही दिन होने के चलते खुशियों के रंग बीच तीखी बयानबाजी की सरगर्मी है. होली के मस्त माहौल में अमन-चैन कायम रखने की भी प्रशासन-पुलिस के सामने चुनौती है. पर इस तनाव-दबाव से दूर बड़ी संख्या उनकी है जो रंग,अबीर-गुलाल उड़ाते फाग गाते गले मिल गुझियों की मिठास का आनंद ले रहे हैं

इतिहास के पन्ने भी पलटे जा रहे हैं. खासतौर पर अवध के वो नवाब याद किए जा रहे हैं, जो जमकर फूलों और रंगों की होली खेलते थे. औरंगजेब के नफ़रती दौर के जिक्र बीच उसी वंश के आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र भी याद आ रहे हैं, जिन्हें होली का बेसब्री से इंतजार रहता था. पढ़िए नवाबों और ज़फ़र की होली के कुछ किस्से,

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