लक्ष्मन सिंह राघव/अलीगढ* :-जून का महीना समाप्ति की ओर है। लेकिन भीषण गर्मी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है।* शहर से लेकर गांवों तक तपती गर्मी ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है। सड़कें दोपहर के समय सुनसान नजर आती हैं। लोग बेहद जरूरी काम होने पर ही। घरों से बाहर निकल रहे हैं। वो भी पूरी तैयारी के साथ।
बाहर निकलते समय लोग सिर पर सफेद गमछा या सूती कपड़ा रख कर। गर्मी से बचाव कर रहे हैं। धूप इतनी तेज़ है। कि चंद मिनटों में ही पसीने छूट जाते हैं। गर्म हवाएं (लू) लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर रही हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गर्मी का असर सिर्फ लोगों की दिनचर्या पर ही। नहीं, बल्कि खेती-किसानी पर भी सीधा दिख रहा है। खेतों की जमीनें सूखकर फट गई हैं। और उनमें दरारें पड़ चुकी हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। क्यों कि समय पर वर्षा न होने पर फसलें प्रभावित होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की समस्या भी धीरे-धीरे गहराने लगी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भीषण गर्मी का ये दौर बता रहा है। कि इस बार मानसून देर से दस्तक दे सकता है। जो। कि किसानों के लिए चिंता की बात है। प्रशासन और मौसम विभाग दोनों की नजर अब आगामी बारिश पर टिकी है।