Holi 2025: बुंदेलखंड (Bundelkhand) में होली (Holi) के दिन से ही होली शुरुआत हो जाती है, होलिका दहन (Holika Dahan) के बाद एक दिन कीचड़ की होली मनाई जाती है, लेकिन भाई दूज के बाद रंग की होली मनाई जाती है. इसमें खास तौर से गांव की महिलाएं एक झुंड बनाकर एवं गांव के लोग इकट्ठा होकर पूरे गांव में घूमते हैं. इस दौरान फाग गाते हैं और रंग लगते हैं, इसमें जो महिलाएं होती हैं वह लठमार होली होती है, क्योंकि इनका मानना है कि लाठियों में प्रेम है तो ताकत भी है. इसमें आत्मरक्षा का भाव भी पैदा होता है. पहीं पुरुषों को पीटने वाली महिला के घर मिठाई भेजी जाती है.
